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शनिवार, 25 जनवरी 2014

दैनिक जागरण पाठकनामा में २५ जनवरी २०१४ को

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अमेठी में राहुल गांधी को दिखाए गए काले झंडे समाचार यही प्रदर्शित करता है कि विपक्ष के पास अपना कोई तरीका सत्ता में आसीन कॉंग्रेस को आईना दिखाने के लिए फिलहाल तो नहीं है क्योंकि वह केवल वही वही कर रहा है जो कॉंग्रेस बहुत पहले और बहुत बार कर चुकी है और यह तो विपक्ष को जानना ही होगा कि इन सब पुराने तरीकों से जनता उब चुकी है और क्योंकि परिवर्तन प्रकृति का नियम है इसलिए यदि वह कुछ नया कर सकता है तो करकर दिखाए और वहाँ दिखाये जहाँ वास्तव में दाल काली हो .राहुल गांधी को इस तरह से अपनी राजनेतिक महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए शिकार बनाया जाना एक जंग खाये हुए हथियार का इस्तेमाल ही कहा जायेगा क्योंकि राहुल गांधी अपने क्षेत्र के लोगों को अपने घर के सदस्यों की तरह ही व्यवहृत करते हैं और राजीव गांधी जी पहले भी अमेठी को अपना दूसरा घर कह चुके हैं और रही कुमार विश्वास की बात तो उनका जवाब तो राहुल गांधी जी ने ही बखूबी दे दिया है वे पिकनिक की बात करते हैं और राहुल कम बोलकर काम करने की .अब ये तो साफ़ है कि काम ज्यादा महत्वपूर्ण है या पिकनिक .कुमार विश्वास को अपनी भाषण शैली में अवश्य सुधार करना होगा .
शालिनी कौशिक
[एडवोकेट]
कांधला [शामली]

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