दैनिक जागरण पाठकनामा में 30 DECEMBER 2013 को प्रकाशित

आखिर भारत अमेरिका के सामने फिर घुटने टेकने की स्थिति में आ गया .देवयानी प्रकरण में साफ़ है कि भारत को अमेरिका कुछ नहीं समझता और ऐसा उसने पहले भी साफ साफ दिखाया हुआ है और उसके बावजूद भारत अपना थोडा गुस्सा दिखाकर फिरसे उसके आगे घुटने टेकने लगता है जबकि अमेरिका एक व्यापारी देश है और ऐसे में जबकि भारत उसके लिए एक बड़ा बाज़ार है भारत को उससे दबने की कोई आवश्यकता नहीं है .जबकि वहाँ राजनयिक को पुलिस की कार्यवाही से मुक्ति मिली होती है उस अवस्था में देवयानी को खुले आम हथकड़ी लगाना और उसे नशेड़ियों व् सेक्स वर्करों के साथ जेल में रखना पूरी तरह से भारतीय प्रतिनिधित्व का अपमान है .अमेरिका को हलके में न लेकर भारत को अपनी ताकत अब दिखा ही देनी चाहिए क्योंकि वैसे भी अमेरिका आज जिस स्थिति में है अगर भारत उसके सामने अपने मनोबल को कमजोर न पड़ने दे और अंदरूनी मतभेद को न आने दे तो झुकने के लिए और माफ़ी मांगने के लिए मजबूर कर सकता है .
शालिनी कौशिक
[एडवोकेट ]
कांधला [शामली ]

आखिर भारत अमेरिका के सामने फिर घुटने टेकने की स्थिति में आ गया .देवयानी प्रकरण में साफ़ है कि भारत को अमेरिका कुछ नहीं समझता और ऐसा उसने पहले भी साफ साफ दिखाया हुआ है और उसके बावजूद भारत अपना थोडा गुस्सा दिखाकर फिरसे उसके आगे घुटने टेकने लगता है जबकि अमेरिका एक व्यापारी देश है और ऐसे में जबकि भारत उसके लिए एक बड़ा बाज़ार है भारत को उससे दबने की कोई आवश्यकता नहीं है .जबकि वहाँ राजनयिक को पुलिस की कार्यवाही से मुक्ति मिली होती है उस अवस्था में देवयानी को खुले आम हथकड़ी लगाना और उसे नशेड़ियों व् सेक्स वर्करों के साथ जेल में रखना पूरी तरह से भारतीय प्रतिनिधित्व का अपमान है .अमेरिका को हलके में न लेकर भारत को अपनी ताकत अब दिखा ही देनी चाहिए क्योंकि वैसे भी अमेरिका आज जिस स्थिति में है अगर भारत उसके सामने अपने मनोबल को कमजोर न पड़ने दे और अंदरूनी मतभेद को न आने दे तो झुकने के लिए और माफ़ी मांगने के लिए मजबूर कर सकता है .
शालिनी कौशिक
[एडवोकेट ]
कांधला [शामली ]